How to Fill Special Intensive Revision Form and Know Its Legal Details | Techno Israr

 Thumbnail Image

Special Intensive Revision क्या है: वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का महा-अभियान (A-Z Guide)

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, मैं हूँ आपका दोस्त इसरार अहमद और Techno Israr पर आपका बहुत-बहुत खैरमकदम है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र (Democracy) है, और इस लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है हमारा 'वोट'। लेकिन वोट देने के लिए सबसे ज़रूरी क्या है? वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) में आपका नाम होना। कई बार हम 18 साल के हो जाते हैं, या अपना घर बदलते हैं, लेकिन वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाना या उसे ठीक करवाना भूल जाते हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India) समय-समय पर एक ख़ास अभियान चलाता है, जिसे **"Special Intensive Revision"** कहते हैं। आज हम इसी के बारे में A to Z जानेंगे।


Table of Contents

Special Intensive Revision आखिर है क्या? (What is it?)


Special Intensive Revision (विशेष गहन पुनरीक्षण) भारत के चुनाव आयोग द्वारा चलाया जाने वाला एक ख़ास अभियान है। इसका सीधा और सरल मकसद है वोटर लिस्ट (Electoral Roll) को पूरी तरह से अपडेट करना और उसे त्रुटि-मुक्त (error-free) बनाना। यह एक सीमित समय के लिए चलने वाला 'महा-अभियान' होता है, जिसमें चुनाव आयोग के कर्मचारी घर-घर जाकर वोटर्स का वेरिफिकेशन करते हैं और नए वोटर्स को जोड़ने का काम करते हैं।

  • गहन जांच-पड़ताल: 'Intensive' (गहन) शब्द का मतलब है कि इस दौरान वोटर लिस्ट की बहुत ही बारीकी से जांच की जाती है। हर वोटर के नाम और पते को वेरीफाई किया जाता है।
  • घर-घर अभियान: इस अभियान की सबसे ख़ास बात यह है कि इसमें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर सर्वे करते हैं। वे यह देखते हैं कि परिवार में कोई नया सदस्य 18 साल का हुआ है या नहीं, कोई घर छोड़कर चला गया है, या किसी की मृत्यु हो गई है।
  • मौके पर रजिस्ट्रेशन: यह अभियान उन लोगों के लिए एक सुनहरा मौका होता है जिनका नाम अभी तक वोटर लिस्ट में नहीं है। वे मौके पर ही अपने BLO को फॉर्म और दस्तावेज़ देकर अपना नाम जुड़वा सकते हैं।
यह लोकतंत्र का एक ऐसा त्योहार है जिसमें चुनाव आयोग खुद आपके दरवाज़े पर आकर आपको वोट देने के हक़ में शामिल होने का न्योता देता है।

इसकी ज़रूरत क्यों पड़ती है? (Why is it Necessary?)


अब आप सोच रहे होंगे कि जब वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का काम साल भर चलता रहता है, तो फिर इस `Special Intensive Revision of Electoral Roll` की क्या ज़रूरत है? इसकी ज़रूरत एक साफ-सुथरी और अपडेटेड वोटर लिस्ट बनाने के लिए पड़ती है, जो किसी भी निष्पक्ष चुनाव की बुनियाद होती है।

  • नए वोटर्स को जोड़ना: हर साल लाखों नौजवान 18 साल के होते हैं। यह अभियान सुनिश्चित करता है कि इन सभी नए और जोशीले वोटर्स का नाम लिस्ट में शामिल हो ताकि वे अपने वोट का इस्तेमाल कर सकें।
  • फर्जी वोटर्स को हटाना: घर-घर वेरिफिकेशन के दौरान उन लोगों के नाम लिस्ट से हटा दिए जाते हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है या जो अपना घर हमेशा के लिए छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं। इससे 'फर्जी वोटिंग' का खतरा कम होता है।
  • गलतियों को सुधारना: कई लोगों के वोटर आईडी कार्ड में नाम, पता, या फोटो में गलतियां होती हैं। यह अभियान इन सभी गलतियों को सुधारने का एक बड़ा मौका देता है।
  • जागरूकता फैलाना: यह अभियान लोगों में वोटिंग को लेकर जागरूकता भी फैलाता है और उन्हें अपने लोकतांत्रिक हक़ के बारे में याद दिलाता है।
एक परफेक्ट वोटर लिस्ट एक परफेक्ट चुनाव की गारंटी होती है। Special Intensive Revision इसी गारंटी को सुनिश्चित करने का एक तरीका है।
Special Intensive Revision Form Filling Guide Techno Israr

पर्दे के पीछे का खेल: यह अभियान काम कैसे करता है?


यह एक बहुत ही बड़ा और व्यवस्थित अभियान होता है जिसमें चुनाव आयोग की पूरी मशीनरी काम करती है। Techno Israr पर हमारा मकसद ही आपको हर प्रोसेस की अंदर की बात बताना है।

  • ड्राफ्ट रोल का प्रकाशन: अभियान की शुरुआत एक 'ड्राफ्ट वोटर लिस्ट' के प्रकाशन से होती है। यह लिस्ट सभी पोलिंग बूथों और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाती है।
  • दावे और आपत्तियां: इसके बाद, एक निश्चित समय (आमतौर पर एक महीना) दिया जाता है जिसमें लोग इस ड्राफ्ट लिस्ट को देखकर अपने दावे (नाम जुड़वाने के लिए) और आपत्तियां (किसी गलत नाम को हटाने के लिए) दर्ज करा सकते हैं।
  • घर-घर वेरिफिकेशन: इसी दौरान, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) अपने इलाके के हर घर में जाकर वोटर्स का वेरिफिकेशन करते हैं और नए वोटर्स के फॉर्म भरते हैं।
  • फाइनल रोल का प्रकाशन: सभी दावों और आपत्तियों का निपटारा करने के बाद, एक 'फाइनल वोटर लिस्ट' प्रकाशित की जाती है, जिसका इस्तेमाल आने वाले चुनावों में होता है।
यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है जिसमें हर नागरिक को हिस्सा लेने और वोटर लिस्ट को और बेहतर बनाने में मदद करने का मौका दिया जाता है।

Summary vs Intensive Revision: दोनों में क्या फर्क है?


चुनाव आयोग दो तरह के पुनरीक्षण (Revision) करता है: Summary (संक्षिप्त) और Intensive (गहन)। दोनों में एक बड़ा फर्क है।

  • Summary Revision: यह हर साल होता है। इसमें घर-घर जाकर वेरिफिकेशन नहीं होता। यह मुख्य रूप से उन लोगों पर निर्भर करता है जो खुद आकर अपना नाम जुड़वाते या कटवाते हैं।
  • Intensive Revision: यह हर 5 साल में या किसी बड़े चुनाव (जैसे लोकसभा चुनाव) से ठीक पहले होता है। इसमें घर-घर जाकर वेरिफिकेशन करना अनिवार्य होता है। यह एक बहुत ही ज़्यादा विस्तृत और गहरी प्रक्रिया है।
Special Intensive Revision एक बड़ी 'सफाई' की तरह है, जो वोटर लिस्ट के हर कोने से गलतियों और फर्जी नामों को हटाकर उसे चमका देती है।

यह कौन से कानून के तहत होता है? (Legal Basis)


वोटर लिस्ट को तैयार करने और उसे अपडेट करने की पूरी प्रक्रिया भारतीय कानून के तहत होती है। यह कोई मनमाना अभियान नहीं है।

  • Representation of the People Act, 1950: यह वह मुख्य कानून है जो वोटर लिस्ट (Electoral Rolls) को तैयार करने और उसे संशोधित (Revise) करने की पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
  • Section 21(2): इसी कानून का सेक्शन 21(2) चुनाव आयोग को यह अधिकार देता है कि वह जब ज़रूरी समझे, वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण (Revision) करा सकता है, जिसमें गहन पुनरीक्षण (Intensive Revision) भी शामिल है।
यह कानूनी आधार सुनिश्चित करता है कि वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और कानून के दायरे में हो।

इस अभियान के दौरान आप क्या-क्या कर सकते हैं?


Special Intensive Revision आपके लिए अपने वोटर कार्ड से जुड़े सभी काम एक साथ करने का एक सुनहरा मौका होता है। इस दौरान आप चार मुख्य काम कर सकते हैं, जिनके लिए अलग-अलग फॉर्म बनाए गए हैं।

  • नया नाम जुड़वाना (Form 6)
  • नाम कटवाना या आपत्ति दर्ज करना (Form 7)
  • डिटेल्स में सुधार या पता बदलवाना (Form 8)
यह अभियान एक 'वन-स्टॉप सलूशन' की तरह है जहाँ आप अपनी वोटर आईडी से जुड़ी हर समस्या का समाधान पा सकते हैं।

Form 6: नया नाम कैसे जुड़वाएं?


`Form 6 for new voter registration` उन लोगों के लिए है जो पहली बार वोटर बन रहे हैं या किसी और जगह से शिफ्ट होकर आए हैं और अपना नाम नई वोटर लिस्ट में जुड़वाना चाहते हैं।

  • कौन भर सकता है?: - हर वो भारतीय नागरिक जो 18 साल का हो चुका है। - वो शख्स जो किसी और विधानसभा क्षेत्र से शिफ्ट होकर आया है।
  • क्या जानकारी चाहिए?: आपको अपना नाम, पता, जन्मतिथि, और परिवार के किसी सदस्य (जिसका नाम पहले से लिस्ट में हो) की डिटेल्स भरनी होती है।
फॉर्म 6 भरना लोकतंत्र में आपके पहले कदम की तरह है। यह आपको देश के भविष्य को तय करने की ताकत देता है।

Form 6A: NRI वोटर्स के लिए


Form 6A ख़ास तौर पर उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो विदेश में रहते हैं (Non-Resident Indians - NRIs)।

  • कौन भर सकता है?: हर वो भारतीय नागरिक जिसके पास भारतीय पासपोर्ट है और वह किसी और देश का नागरिक नहीं बना है।
  • कैसे वोट देते हैं?: NRI वोटर्स को वोट देने के लिए चुनाव के दिन अपने पोलिंग बूथ पर खुद आना पड़ता है।
यह फॉर्म सुनिश्चित करता है कि देश से दूर रहने वाले भारतीय भी अपने देश के लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभा सकें।

Form 7: नाम कैसे कटवाएं या आपत्ति कैसे दर्ज करें?


Form 7 का इस्तेमाल वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटाने के लिए किया जाता है। यह एक बहुत ही ज़िम्मेदारी वाला काम है।

  • कब इस्तेमाल करें?: - अगर आपके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो गई है। - अगर कोई हमेशा के लिए किसी और जगह शिफ्ट हो गया है। - अगर आपको लिस्ट में कोई फर्जी या गलत वोटर नज़र आता है।
  • सबूत की ज़रूरत: किसी का नाम कटवाने के लिए आपको एक वाजिब कारण और सबूत (जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र) देना होता है।
फॉर्म 7 का इस्तेमाल एक जागरूक नागरिक की निशानी है, जो वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा रखने में चुनाव आयोग की मदद करता है।

Form 8: डिटेल्स में सुधार या घर का पता कैसे बदलवाएं?


Form 8 एक बहुत ही काम का और मल्टी-पर्पज फॉर्म है। इसका इस्तेमाल वोटर लिस्ट में अपनी किसी भी डिटेल को ठीक कराने या अपना पता बदलवाने के लिए किया जाता है।

  • क्या-क्या ठीक करा सकते हैं?: आप अपना नाम, फोटो, जन्मतिथि, पता, लिंग, या रिश्तेदार का नाम, कुछ भी ठीक करा सकते हैं।
  • पता बदलना (Shifting Residence): अगर आप उसी विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituency) के अंदर एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट हुए हैं, तो आप फॉर्म 8 भरकर अपना पता बदलवा सकते हैं।
फॉर्म 8 यह सुनिश्चित करता है कि आपकी जानकारी वोटर लिस्ट में हमेशा सही और अपडेटेड रहे, ताकि वोट देने के दिन आपको कोई परेशानी न हो।
Special Intensive Revision Meaning Form Filling Techno Israr

भारत में ये Form कैसे भरें? (Online & Offline तरीके)


अब आते हैं सबसे प्रैक्टिकल सवाल पर: `how to fill voter registration form in India`? चुनाव आयोग ने इस काम को बहुत आसान बना दिया है। आप अपनी सहूलियत के हिसाब से ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से फॉर्म भर सकते हैं।

Online तरीका: NVSP पोर्टल या Voter Helpline App का इस्तेमाल

  • Step 1: वेबसाइट या ऐप पर जाएं: National Voters' Services Portal (NVSP) की वेबसाइट (`voters.eci.gov.in`) पर जाएं या अपने फोन में 'Voter Helpline' ऐप डाउनलोड करें।
  • Step 2: अकाउंट बनाएं और लॉगिन करें: अपने मोबाइल नंबर से एक अकाउंट बनाएं और लॉगिन करें।
  • Step 3: सही फॉर्म चुनें: अब अपनी ज़रूरत के हिसाब से Form 6, 7, या 8 चुनें।
  • Step 4: फॉर्म भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें: ऑनलाइन फॉर्म को ध्यान से भरें और मांगे गए दस्तावेज़ों (फोटो, उम्र का सबूत, पते का सबूत) की स्कैन की हुई कॉपी अपलोड करें।
  • Step 5: सबमिट करें और रेफरेंस आईडी पाएं: फॉर्म सबमिट करने के बाद, आपको एक रेफरेंस आईडी मिलेगी। इसे संभालकर रखें, यह आपकी एप्लीकेशन को ट्रैक करने में काम आएगी।
ऑनलाइन तरीका सबसे तेज़ और सबसे आसान है। आप घर बैठे कभी भी, कहीं से भी अप्लाई कर सकते हैं।

Offline तरीका: अपने BLO से संपर्क करें

  • Step 1: अपने BLO को ढूंढें: आप चुनाव आयोग की वेबसाइट से या 'Voter Helpline' ऐप से अपने Booth Level Officer (BLO) का नाम और नंबर पता कर सकते हैं।
  • Step 2: फॉर्म लें और भरें: अपने BLO से संबंधित फॉर्म (6, 7, या 8) लें, उसे ध्यान से भरें, और उसके साथ ज़रूरी दस्तावेज़ों की फोटोकॉपी लगाएं।
  • Step 3: फॉर्म जमा करें: भरे हुए फॉर्म को वापस अपने BLO के पास ही जमा कर दें। वह आपको एक रसीद देगा।
ऑफलाइन तरीका उन लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत आती है। आपका BLO आपकी पूरी मदद करेगा।

कौन से दस्तावेज़ लगेंगे? (Documents Required)


फॉर्म भरते समय आपको कुछ दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ेगी।

उम्र का सबूत (Age Proof)

  • जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट, पैन कार्ड, या आधार कार्ड।
उम्र 18 साल या उससे ज़्यादा होनी चाहिए।

पते का सबूत (Address Proof)

  • आधार कार्ड, बिजली/पानी का बिल, बैंक पासबुक, या रेंट एग्रीमेंट।
दस्तावेज़ आपके या आपके किसी करीबी रिश्तेदार (जैसे माता-पिता) के नाम पर होना चाहिए।

पासपोर्ट साइज़ फोटो

  • आपकी हाल ही की, रंगीन, पासपोर्ट साइज़ की फोटो।
फोटो का बैकग्राउंड सफ़ेद होना चाहिए।

Application का Status कैसे Check करें?


फॉर्म जमा करने के बाद, आप अपनी एप्लीकेशन का स्टेटस ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

  • 'Track Application Status' पर जाएं: NVSP पोर्टल या Voter Helpline ऐप पर आपको यह ऑप्शन मिलेगा।
  • रेफरेंस आईडी डालें: फॉर्म सबमिट करने पर मिली रेफरेंस आईडी को डालें और 'Track Status' पर क्लिक करें।
यह आपको बताएगा कि आपकी एप्लीकेशन BLO के पास है, वेरीफाई हो गई है, या एक्सेप्ट/रिजेक्ट हो गई है।
Special Intensive Revision Law Form Process Techno Israr
वोटर रजिस्ट्रेशन के अलावा, कभी-कभी हमें प्राइवेसी के लिए एक दूसरे नंबर की भी ज़रूरत पड़ती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि मुफ्त में दूसरा नंबर कैसे पाएं, तो आप नीचे दिए गए ऐप को देख सकते हैं। (यह सिर्फ जानकारी के लिए है)।

Conclusion: लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें

तो दोस्तों, इस पूरी और गहरी जानकारी के बाद, अब आप जान गए हैं कि 'Special Intensive Revision' क्या है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए कितना ज़रूरी है। यह सिर्फ एक सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र का एक उत्सव है जिसमें हर नागरिक को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का मौका मिलता है। अब वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना या उसे ठीक कराना कोई मुश्किल काम नहीं रहा। चुनाव आयोग ने ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों को इतना आसान बना दिया है कि कोई भी बहाना नहीं चलेगा।

ऐसी ही काम की और सच्ची जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग Techno Israr से जुड़े रहें।


आपको यह गाइड कैसी लगी? क्या वोटर रजिस्ट्रेशन को लेकर आपका कोई और सवाल है? नीचे comment करके हमें ज़रूर बताएं। इस ज़रूरी जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ share करें, खासकर उन लोगों के साथ जो अभी 18 साल के हुए हैं, ताकि वे भी एक ज़िम्मेदार नागरिक बन सकें। अल्लाह हाफ़िज़!

Post a Comment

0 Comments